अयोध्या नगरी एक बार फिर इतिहास रचने को तैयार है। सदियों के इंतज़ार और संघर्ष के बाद रामलला अपने भव्य और दिव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं। निर्माण कार्य को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है—राम मंदिर का 99% कार्य पूरा हो चुका है, इसकी आधिकारिक पुष्टि निर्माण समिति के प्रमुख श्री नृपेन्द्र मिश्रा ने की है।
सपने से साकार तक का सफर
राम मंदिर का निर्माण महज एक इमारत नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था, विश्वास और संघर्ष की परिणति है। यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक चेतना का प्रतीक बन चुका है।
निर्माण कार्य को आधुनिक तकनीक, पारंपरिक वास्तुकला और शास्त्रीय मान्यताओं के आधार पर अंजाम दिया गया है। पत्थर पर उकेरी गई रामकथा की झलकियां, भव्य स्तंभ, ऊँचे शिखर और दिव्यता से भरपूर गर्भगृह – ये सब मिलकर इसे एक अद्भुत मंदिर बनाते हैं।
क्या बोले नृपेन्द्र मिश्रा?
निर्माण समिति के अध्यक्ष श्री नृपेन्द्र मिश्रा ने मीडिया को बताया:
“राम मंदिर का 99% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अब अंतिम रूप देने के कुछ कार्य बाकी हैं जैसे सौंदर्यीकरण, कुछ छोटे संरचनात्मक काम और प्रांगण की सजावट।”
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आगामी महीनों में मंदिर परिसर पूरी तरह से भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा और रामलला का भव्य और विधिवत प्राण-प्रतिष्ठा समारोह भी संपन्न होगा।
अर्थव्यवस्था और पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
राम मंदिर सिर्फ धार्मिक ही नहीं, आर्थिक दृष्टि से भी भारत को एक नई दिशा देगा। अयोध्या को वैश्विक धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर स्थान मिल चुका है। होटल, परिवहन, स्थानीय हस्तशिल्प, और अन्य सेवाओं में लाखों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
जन भावना और विश्वास की जीत
राम मंदिर का यह स्वरूप केवल ईंट-पत्थर की संरचना नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। यह मंदिर आने वाली पीढ़ियों को यह याद दिलाएगा कि जब संकल्प सच्चा हो, तो कोई भी बाधा टिक नहीं सकती।
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जय श्री राम!