मजबूत वैश्विक मांग के बीच गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 70 रुपये बढ़कर 98,170 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई थी.
अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते ट्रेड टेंशन के चलते वैश्विक बाजार में उथल पुथल वाली स्थिति है. इसकी वजह से निवेशक अपने आपको सुरक्षित करना चाहते हैं. इसका परिणाम ये हुआ है कि डोनाल्ड ट्रंप के इस अप्रत्याशित रुख की वजह से मंदी का खतरा बढ़ रहा है. डॉलर कमजोर हो रहा है और सोने की कीमत सातवें आसमान पर पहुंच गई है.
इंडियन बुलियन्स के मुताबिक, 18 अप्रैल (शुक्रवार) की सुबह 10 बजे सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 95410 रुपये के भाव से बिक रहा था, जो हफ्ताभर पहले यानी 11 अप्रैल को 94,010 रुपये था. आइये जान लेते हैं बेंगलुरू, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई और दिल्ली में क्या है सोना के नए रेट्स-
गोल्ड के नए रेट्स
मुंबई में 10 ग्राम सोना 95,240 रुपये की दर से बिक रहा है. जबकि चांदी 95,240 रुपये प्रति किलो है. इसी तरह से चेन्नई में सोना का भाव 95,520 है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोना 95,080 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है. अगर कोलकाता की बात करें तो यहां पर प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत 95,110 रुपये है. हैदराबाद में 95,390 रुपये, बेंगलुरू में 95,310 रुपये बिक रहा है.
इससे पहले, मजबूत वैश्विक मांग के बीच गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 70 रुपये बढ़कर 98,170 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड उच्चस्तर पर पहुंच गई थी. जबकि बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत 1,650 रुपये बढ़कर 98,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई थी.
99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 70 रुपये बढ़कर 97,720 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया, जबकि बुधवार को इसका बंद स्तर 97,650 रुपये प्रति 10 ग्राम था. अबन्स फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘कमजोर डॉलर, बढ़ते व्यापार युद्ध तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क घोषणाओं के बाद वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं.’’
उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता बनी रहने के कारण सोने की कीमतों में उछाल जारी है, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर रहा है और मुद्रास्फीति और मंदी की आशंकाओं को बढ़ा रहा है. चूंकि बाजार इन जोखिमों से जूझ रहे हैं, इसलिए अस्थिरता बनी हुई है, जो एक विश्वसनीय ‘बचाव’ के रूप में सोने की भूमिका को मजबूत करता है.